सोमवार को चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर रघु शर्मा ने विधानसभा में विधायकों की ओर से पूछे गए प्रश्नों के जवाब दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि आगामी दो महीनों में उदयपुर, जोधपुर और बीकानेर में औषधीय नियंत्रण प्रयोगशालाएं खोली जाएंगी।
रघु शर्मा ने कहा कि पिछली सरकार ने वर्ष 2018 के बजट में 14 करोड़ रुपए की केवल घोषणा मात्र की थी। इसके बाद सरकार बदल गई। वर्तमान सरकार ने 26 मार्च 2019 को वित्तीय स्वीकृति जारी की है। उन्होंने बताया कि प्रयोगशालाओं में उपकरणों की सबसे महत्वपूर्ण जरूरत होती है। इसमें 62 प्रकार के उपकरण खरीदे जाने हैं। उसमें से 15 अत्याधुनिक उपकरण राज्य सरकार ने खरीद लिए हैं, इन पर 11 करोड़ की राशि खर्च की जा चुकी है।
नकली या मिलावटी दवाओं के मामलों पर भी बोले
मिलावट के मामलों पर बोलते हुए रघु शर्मा ने बताया कि प्रदेश में पिछले दो सालों में 8379 नमूने लिए गए, जिनमें से 161 नमूने तय मानकों से अलग पाए गए। इनमें से 13 प्रकरणों में एफआईआर दर्ज करवाई गई। ये मिसब्रांड, नकली और मिलावट के प्रकरण थे। उन्होंने बताया कि 14 प्रकरणों में संबंधित औषधीय निर्माता के लाइसेंस या प्रोडक्ट को निलंबित किया गया है। शेष प्रकरणों पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इनमें से 34 प्रकरणों में निर्माता या फर्म राजस्थान की हैं और 127 प्रकरणों में राजस्थान के बाहर की फर्म हैंं। जिन 13 प्रकरणों में एफआईआर हुई है उनमें से 12 राजस्थान के हैं। उन्होंने बताया कि लाइसेंस, प्रोडक्ट परमिशन निलंबन का प्रकरण यदि राजस्थान का हो तो संबंधित राज्य औषधि नियंत्रक द्वारा कार्यवाही की जाती है। प्रकरण राज्य से बाहर का हो तो निर्माता से लिंक करना होता है और कार्यवाही के लिए संबंधित औषधीय नियंत्रक को लिखा जाता है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोई भी दवा बाजार में आती है तो लाइसेंस दवा निर्माता को तब दिया जाता है, जब उसके पास परीक्षण की पूरी व्यवस्था हो। यदि उसके पास परीक्षण की सुविधा नहीं है तो व भारत सरकार की अधिकृत प्रयोगशालाओं से जांच करवाएगा उसके बाद ही दवा बाजार में आ सकती है। उन्होंने बताया कि हमें शिकायत मिलते ही विभाग द्वारा सैंपलिंग की जाती है। यह विभाग की सतत प्रक्रिया है। यह भारत सरकार द्वारा औषधीय एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 एवं नियमावली 1945 बनाई गई। उन्होंने कहा कि आवश्यकता के अनुसार राज्य सरकार केंद्र सरकार को नियमों में परिवर्तन के लिए लिखेगा।
इससे पहले चिकित्सा मंत्री ने विधायक अनिता भदेल के मूल प्रश्न के जवाब में बताया कि प्रदेश में वर्तमान में एक औषधि परीक्षण प्रयोगशाला, जयपुर में संचालित है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में उक्त औषधि परीक्षण प्रयोगशाला, जयपुर में 7461 सैंपल जांच के लिए लंबित हैं।